3 दिस॰ 2008

गरीबो की कीमत नहीं

हिंदुस्तान में अब चुनोव की बयार चलने वाली है। इसलिए अब आतंकबाद,नक्सल्बाद,जाने कौन कौन से बाद क्के मामले उठेंगें पैर गरीब की बात कहीं न होगी,क्यों? अधिकारियो, नेताओं के सामने उनकी हालत भिखरी से अधिक नहीं.लोग कहते हैं की उनमे जागरूकता नहीं। काहिली और जाहिली है। मेरा विश्वास दूसरा है,की वे निराश हैं,टूटे हैं,किसी तरह से अपना काम चला रहे है.

1 टिप्पणी:

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar ने कहा…

भाई मुकेश जी ,
अभी अभी आपकी टिप्पणी पढी ..अच्छा लगा .
आशा करता हूँ आगे भी मेरा उत्साह बढायेंगे .
आप भी अपने ब्लॉग को कुछ आगे बढाइये .
मेरी शुभकामनायें.
हेमंत कुमार